ZINDAGI KI BAATEIN
COLOURFUL LIFE STAGE सुना हैं ज़िन्दगी के तज़ुर्बेकारों से ज़िन्दगी चलते चलते, ज़िन्दगी समझदार बना देती हैं मैं भी चला समझदार बनाने संग ज़िन्दगी के पता चला रिश्तों के बाज़ार में पंहुचा कर, दुकानदार बना देती हैं | कल हिसाब खोला हवा का मैंने देखा मेरी साँसों से एक सांस ज्यादा हैं अतरंगी हिसाब की वजह पूछी उससे कहती है मुझसे हर पल संग रहने का कर लेती हैं | पुरानी सही मगर आज भी इतनी ही कहानी सारी हैं पत्थर पहाड़, हर बोझ हल्का भरे बाज़ार में तेरी खाली जेब सबसे भरी हैं | कमल है लोगो का गिरता पानी हैं, टूटती बुँन्दें हैं सुकून धरती को मिलता हैं फिर भी सब बारीश दीवाने हैं | अजीब चाल हैं लोगों की ज़िन्दगी में दो खवाइश करना पहली ज़िन्दगी भर सुकून से रहना दूसरी सुकून के लिए ज़िन्दगी भर मेहनत करना | बड़े विचित्र तरीके हैं छोटी होकर भी सुइयां घडी की, हर वार कटती हैं ...