MOHOBAAT SE BADHKAR ISHQ
TELLING STORY OF LOVE |
ख़ुद को तुझे पाने से
मिल जायेगा मुझको तू
होगा अगर किस्मत में, किसी बहाने से
न जाने इस कहानी का
क्या अंजाम होगा
मोहोबत से बढ़कर
मेरा इश्क़ होगा।।।।।।।।
सुबह तेरी पलकों ने
शाम तेरी नजरो ने छुपाई है
बिन बताये मुझको तूने
अपनी धड़कन से बांधकर मेरी साँसें चुराई है
मिला है तू बिखरे शीशे में, आईने की तरह
मुस्कुराहटों के दर पे ख्वाहिसों की परछाइयों की तरह
खुदा से दूर हु, क्युकी तू पास है
नाराज न हो वो इसलिए
सजदा करता हु तेरा खुदा की तरह......
अब न क़यामत
न कोई अश्क होगा
मोहोबत से बढ़कर
मेरा इश्क़ होगा।।।।।।
बस रूह से दूर है तू
मगर पास आने का इंतज़ार है
रुख बदलू कैसे अपना
तेरे मिलने की बेसब्री अभी बरक़रार है
समझता हु लबों के मुस्कुराने की मज़बूरी भी
सुकून सी देने लगी है अब इन फ़ासलो की दुरी भी
अजीब किस्सा है ज़माने में कहानी का हमारी
फुर्सत के पलों में
याद करने के लिए है किस्सा जरुरी भी
तुझसा न जन्नत है
न कोई रश्क होगा
मोहोबत से बढ़कर
मेरा इश्क़ होगा।।।।।।
समझता हैं तू की
बस तू ही मोहोबत में बेकरार है
शायद दिखा पति झुकी नजरे अपनी
मेरी नजरों में ही मेरा इज़हार है
मुश्किल है पर छुपाती हु नैना अपने ,
अश्कों के साथ बिखर गए हर सपने
तेरे साथ होने का ही सुकून है
न मिलने के लिए ही
इस कहानी को बनाया था शायद रब ने
अब अंजाम होगा,
अंजाम से आगाज होगा
मोहोबत से बढ़कर
मेरा इश्क़ होगा..... इश्क़ होगा।।।।।।
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